होंठों से लगा के तुझे…
धीरे से मैं यूँ जलाऊं…
साँसों में धुआं हो मेरी…
धुआं तेरा पीता जाऊं…
उंगली के पोरों से मैं…
होंठों तक तुझे लाऊं…
जल के भी जले न तू…
कभी न तुझे बुझाऊं…
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होंठों से लगा के तुझे…
धीरे से मैं यूँ जलाऊं…
साँसों में धुआं हो मेरी…
धुआं तेरा पीता जाऊं…
उंगली के पोरों से मैं…
होंठों तक तुझे लाऊं…
जल के भी जले न तू…
कभी न तुझे बुझाऊं…
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