December 26, 2009

होंठों से लगा के तुझे…

धीरे से मैं यूँ जलाऊं…

साँसों में धुआं हो मेरी…

धुआं तेरा पीता जाऊं…

उंगली के पोरों से मैं…

होंठों तक तुझे लाऊं…

जल के भी जले न तू…

कभी न तुझे बुझाऊं…

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