December 26, 2009

Sufi Prem-8

आज और आज से पहले रूमी ने इस धरती को अपने रहस्यवादी प्रेम से कितना प्रभावित किया इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि मैंने कई तथाकथित भगवें कपड़ों वाली सभाओं में भी रूमी का ज़िक्र देखा और सुना है। वो सिर्फ इसलिए क्योंकि वो पवित्र प्रेम की बात करता है और पवित्र प्रेम की बात सब सुनना चाहते हैं। रूमी कहता है…

ऐ मेरे प्रेम
मैं तुम्हारे संग एक होना चाहता हूँ
मैं हूँ एक पागल
बाँध लो अपने बालों की लटों से मुझको
अगर मैं अपने आप को पूरण समर्पित न करूँ
तो करना शिकायत…

तुम संकुचित हो गए हो
पवित्र पुस्तकों को हाथ में लेकर
आओ और पढ़ो वो किताब
जो मैं अपने दिल में रखता हूँ
चलना सीखो उनके साथ
जो राह जानते हैं …

तुम संगीतज्ञ हो दिव्य हृदय के
भरो मुझे अपने संगीत के साथ
तुम ही तो हो शुक्र की तरह चमकदार
चाँद से भी अधिक रौशन
ऊष्मित करो मुझे अपनी दृष्टि से
ताकि मेरी आँखें
तेरी चमक से भर सकें

यह चमक प्रेम की है, प्रेम जो शुद्ध है, शुद्धता जो सूफीमत का प्रतीक है। सूफी प्रेम की रूहानियत और रहस्य ने सिर्फ हिन्दुस्तानी समाज को ही नहीं, हिंदी साहित्य को भी प्रभावित किया है। हिंदी साहित्य परम्परा में छायावाद इस बात का प्रमाण है। छायावाद का स्तंभ कहे जाने वाले चारों कवियों यानि प्रसाद, पंत, निराला और महादेवी वर्मा की बहुत सी कवितायें कब छायावाद से रहस्यवाद में चली जाती हैं पता ही नहीं चलता । इस संदर्भ में भी बीसियों काव्य पंक्तियों के उद्धरण दिये जा सकते हैं लेकिन मेरा उद्देश्य प्रमाण देने से ज़्यादा सूफीधारा के परिणाम की ओर सिर्फ संकेत करना है और परिणाम तो ख़ुद प्रेम ही है । वैसे भी मैं शुरू में ही कह चुका हूँ कि मैं सूफीमत के बारे में कुछ नहीं जानता। बस यही जानता हूँ कि वो प्रेम हैं, ऐसा प्रेम जो परिभाषित नहीं किया जा सकता सिर्फ महसूस किया जा सकता है । ऐसा प्रेम जो सबर में है, शुकर में है, ज़िकर में है । जो आपको ऐसी यात्रा पर ले जाता है जिसमें आप पहले ‘मैं’ को ढूँढ़ते हो फिर मैं को ‘तू’ में लीन-विलीन कर देते हो । ख़ुद से बेगाना, दुनिया से बेपरवाह, सुरूर में सराबोर, अनहद नाद सा पवित्र, स्वभाव से समर्पित, ख़्याल में खालिस, ज़बान से शीरीं और जहान में अमर प्रेम । यानि वो प्रेम जो हिन्दोस्तान के लगभग हर क्षेत्र और हर भाषा में अपनी होंद भी रखता है और हैसियत भी । #SufiPrem_8_Last

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Zareef AT Work